कार्यशालाएँ एवं प्रशिक्षण
प्रशिक्षण का उद्देश्य यह है कि प्रतिभागियों को, अधिमानतः विषम रूप से मिश्रित, पर्याप्त व्यावहारिक प्रदर्शन मिले जिससे वे विषय को समझने और लागू करने में सक्षम (उद्देश्य) महसूस करें। प्रशिक्षण में यह अच्छा होगा यदि प्रतिभागियों का प्रशिक्षक के साथ कुछ बातचीत हो और वे बेझिझक (“बेवकूफी भरे”) सवाल पूछ सकें। तभी सीखना होता है क्योंकि सवाल सोचने के बाद उबलने लगते हैं।
एक कार्यशाला एक वास्तविक और दर्दनाक स्थिति से निपटती है जिसके इर्द-गिर्द कई हितधारक भूमिका निभाते हैं, या तो स्थिति से प्रभावित होने वाले “अंतिम उपयोगकर्ता” के रूप में या किसी न किसी तरह से स्थिति को हल करने या पैदा करने में योगदान देने वाले “आपूर्तिकर्ता” के रूप में। ज्यादातर प्रतिभागी एक-दूसरे को जानते हैं और एक ही क्षेत्र में काम करते हैं।